आपके भाग्य का भी होगा उदय, चमकेंगे सितारें, जानें कैसे

व्यक्ति की जिज्ञासा होती है कि उसका जीवन भाग्यशाली ( bhagya yog ) है भी या नहीं, इसके लिए वह ज्योतिषियों से कुंडली के आधार पर भविष्य जानने की कोशिश भी करता है। भारतीय ज्योतिष की सबसे प्राचीनतम विधा 'भृगुः सहिंता' को माना जाता है। भृगुः सहिंता के अनुसार व्यक्ति की जन्म कुंडली को देखकर भविष्य में क्या कुछ अच्छा या बुरा होने वाला है, उसका पता लगाया जा सकता है। कहा गया है "न युतो - न दृष्टो - न त्रिक स्थितो" अर्थात- व्यक्ति की संभावित उम्र में उसके भाग्य का उदय कब होने वाला है। जानें कैसे और कब होगा आपके भाग्य का उदय।

 

मृत्यु का सरल रहस्य, जानें कब और कैसे होगी आपकी मौत

 

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, कुंडली में 12 लग्न होते हैं और 12 ही राशियां भी और लग्न स्पष्ट के अनुसार कुंडली के पहले भाव में जो राशि पड़ती है उसी से लग्न का निर्धारण होता है। जैसे प्रथम भाव में मेष राशि हो तो मेष लग्न होगा, सिंह राशि हो तो सिंह लग्न माना जायेगा, आदि। इसी प्रकार लग्न अनुसार 12 प्रकार की कुण्डलियां बनेगी। जानें भृगुः ऋषि के अनुसार, कौन से लग्न राशि वाले जातक के भाग्य का उदय होता है।

 

1- मेष लग्न- 16 , 22 , 28 , 32 , 36 वर्ष की आयु में भाग्य उदय होता है।
2- वृष लगन- 25 , 28 , 36 ,42
3- मिथुन लगन- 22 , 32 , 35 , 36 , 42
4- कर्क लगन- 16 , 22 , 24 , 25 , 28
5- सिंह लग्न- 16 , 22 , 24 , 26 , 28 , 32
6- कन्या लगन- 16 , 22 , 25 , 32 , 33 , 34 , 36
7- तुला लगन- 24 , 25 , 32 , 33 , 35
8- वृश्चिक लगन- 22 , 24 , 28 , 32
9- धनु लगन- 16 , 22 , 32
10- मकर लगन- 25 , 33 , 35 , 36
11- कुम्भ लगन- 25 , 28 , 36 , 42
12- मीन लग्न- 16 , 22 , 38 , 33

 

धनपति को कंगाल बना देती है घर में रखी ये चीज, कहीं आपके..?

 

ऋषि भृगु के अनुसार, व्यक्ति की कुण्डली में आयु के इन वर्षों में लग्न अनुसार भाग्य स्थान के स्वामी ग्रह शुद्ध अवस्था में हो, जैसे- मेष लग्न के लिए भाग्य स्थान के स्वामी हुए ''गुरु ग्रह''/ आयु के 16, 22, 28, 32, 36 वें वर्ष के गोचर में गुरु ग्रह राहु या केतु से दूषित न हो / कुंडली में दूषित न हो / दशा अनुसार दूषित न हो / किसी शत्रु राशि में न हो अर्थात '' न दृष्टो - न युतो - न त्रिक स्थितो " मतलब अगर आयु के इन वर्षों में जातक का भाग्येश ग्रह बिलकुल शुभ और मजबूत अवस्था में हो तो निश्चित ही आकस्मिक भाग्य का उदय हो जाता है।

 

ऐसे लोगों की कोई न कोई लॉटरी अवश्य ही लग जाती है और व्यक्ति के जीवन में अचानक सफलता का द्वार खुलने लग जाते हैं। अगर किसी को अपने भाग्य उदय होने के बारे में सही सही जानने की इच्छा हो तो किसी योग्य ज्योतिष को अपनी जन्मकुंडली को दिखाकर पता लगा सकते हैं कि आपके भाग्य के सितारें कब चमकने वाले हैं।

******

janma <a href=kundli " src="https://new-img.patrika.com/upload/2019/06/26/1_10_4758768-m.jpg">

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2FAXonM
Previous
Next Post »