इसलिए कहते है गणेशजी को एकदंत दयावंत बुद्धिमान

Ganesh Chaturthi 2019 : वैसे तो भगवान श्री गणेश जी को सहसत्रों नामों से पुकारा जाता है और सभी नामों की अपनी-अपनी महिमा है। जो भक्त पार्वती नंदन श्रीगणेश को संकट के समय जिस भी नाम से पुकारते है गणराज उनके सारे सकंटों का नाश कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी को एकदंत क्यों कहा जाता है। जानें गणेश से एकदंत बनने की कथा।

 

ॐ विघ्नराजाय नमः : गणेश चतुर्था को दिन में केवल 2 समय इन नामों का उच्चारण मात्र से सारे विघ्न हो जाएंगे दूर



महाभारत विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है। इसमें एक लाख से ज्यादा श्लोक हैं। महर्षि वेद व्यास के मुताबिक यह केवल राजा-रानियों की कहानी नहीं बल्कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की कथा है। इस ग्रंथ को लिखने के पीछे भी रोचक कथा है। कहा जाता है कि ब्रह्मा ने स्वप्न में महर्षि व्यास को महाभारत लिखने की प्रेरणा दी थी।

Ganesh Chaturthi : Ekdanta Ganpati Bappa

महर्षि व्यास ने यह काम स्वीकार कर लिया, लेकिन उन्हें कोई इसे लिखने वाला न मिला। वे ऐसे किसी व्यक्ति की खोज में लग गए जो इसे लिख सके। महाभारत के प्रथम अध्याय में उल्लेख है कि वेद व्यास ने गणेशजी को इसे लिखने का प्रस्ताव दिया तो वे तैयार हो गए। उन्होंने लिखने के पहले शर्त रखी कि महर्षि कथा लिखवाते समय एक पल के लिए भी नहीं रुकेंगे।

Ganesh Chaturthi : Ekdanta Ganpati Bappa

गणेश जी की इस शर्त को मानते हुए महर्षि ने भी एक शर्त रख दी कि गणेश भी एक-एक वाक्य को बिना समझे नहीं लिखेंगे। इस तरह गणेशजी के समझने के दौरान महर्षि को सोचने का अवसर मिल गया।

Ganesh Chaturthi : Ekdanta Ganpati Bappa

इस बारे में एक और कथा है कि महाभारत लिखने के दौरान जल्दबाजी के कारण ही श्री गणेश ने अपना एक दाँत तुड़वा लिया था। माना जाता है कि बिना रुके लिखने की शीघ्रता में यह दांत टूटा था। तभी से वे एकदंत कहलाए। लेकिन इतनी शीघ्रता के बाद भी श्री गणेश ने एक-एक शब्द समझ कर लिखा।

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