नवरात्रि के 7वें दिन देवी दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि नवदुर्गा का सातवां स्वरूप हैं। देवी दुर्गा का यह स्वरूप सबसे भयंकर स्वरूप है। मां का रंग काला है और ये तीन नेत्रधारी है। मां के बाल बिखरे हुए हैं और गले में बिजली की तरह चमकने वाली माला है। देवी कालरात्रि के चार हाथ हैं। एक हाथ में कटार तो दूसरे हाथ में लोहे का कांटा है। जबकि अन्य हाथ वरमुद्रा औ अभय मुद्रा में है।
शनि को शांत करेंगी मां कालरात्रि
मां कालरात्रि की पूजा बेहद शुभकारी होती है। मां कालरात्रि की पूजा करने से शत्रु और विरोधियों का नाश होता है। इसके अलावा दुर्घटना और रोगों का नाश होता है। माना जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि को शांत करने के लिए मां कालरात्रि की पूजा अचूक मानी जाती है।
शनि को शांत करने के लिए ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा
अगर आपके कुंडली में शनि दोष है तो मां कालरात्रि के सामने घी के दीपक जलाएं। मां को लाल फूल अर्पित कर गुड़ का भोग लगाएं। इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। पाठ खत्म करने के बाद भोग लगाए गए गुड़ का आधा हिस्सा परिवार में बांट दें और आधे को पंडित जी को दे दें। ध्यान रखें कि मां की पूजा करते वक्त काले रंग के कपड़े ना पहनें। हो सके तो सफेद या लाल रंग के कपड़े पहनकर ही मां कालरात्रि की पूजा करें।
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