समस्त शास्त्रों में देवी- देवताओं में पहला स्थान आद्यशक्ति भगवती माँ दुर्गा माँ को दिया जाता है, जो स्वंय महादेव शिव की भी महाशक्ति मानी जाती है। माँ दुर्गा भवानी की शरण में जाने वाले की सभी आध्यात्मिक और भौतिक कामनाएं माता पूरी कर देती है। अगर माता की कृपा पाना चाहते हैं तो प्रतिदिन दिन में एक बार माँ दुर्गा की इस कामना पूर्ति स्तुति का पाठ श्रद्धा पूर्वक जरूर करें। कुछ ही दिनों में माता दुर्गा की कृपा से सभी इच्छाएं पूरी होने लगेगी।
माँ दुर्गा के इस स्त्रोत का पाठ करें-
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत को दुर्गा सप्तशती ग्रंथ पाठ का सार माना जाता है, इसलिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मिलने वाला सम्पूर्ण फल सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पाठ के करने मात्र से मिल जाता है। दुर्गा सप्तशती का सम्पूर्ण पाठ करने में कम से कम 3 घंटे का समय लगता है, वहीं सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ कुछ मिनट में ही पूर्ण हो जाता है। यदि कोई संकल्प लेकर सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र का नियमित जप करते है तो माँ दुर्गा के आशीर्वाद से उनकी सभी मनोकामनायें पूर्ण होने लगती है।
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र पाठ सरल विधि
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।
पूर्व दिशा में एक चौकी पर लाल कपडा बिछाकर माँ दुर्गा की फोटो स्थापित कर आव्हान व पूजन करें। इस मंत्र को एक कोरे सफेद कागज पर लिखकर फोटो के नीचे रख दें। चौकी के बायीं तरफ गाय के घी का एक दीपक जलाने के बाद श्री गणेश जी के प्रतिक रूप में एक बड़ी सुपारी में लाल धागा लपेटकर चावल की ढेरी के आसन पर स्थापित कर आव्हान व पूजन करें। अब कुशा के आसन पर बैठकर हर रोज इस स्त्रोत मंत्र का जप 108 करें। सिद्ध कुंजिका स्त्रोत मंत्र के जप से जीवन में आने वाली बाधाएं, पीडाएं धीरे-धीरे दूर होने के साथ समाज में मान -सम्मान एवं धन धान्य की प्राप्ति भी होती है।
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