माघ माह में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मनुष्य को मौन रहना चाहिए और गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मौन रहकर व्रत करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। माघ मास में होने वाले स्नान का सबसे महत्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है। इस दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
मान्यता है कि आज के दिन यानी अमावस्या को जो भी वृक्ष, लता आदि काटता है या उसका एक भी पत्ता तोड़ता है, उस पर ब्रह्महत्या का पाप लगता है। इसलिए आज के दिन ये सब काम नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आइये जानते हैं कि आज के दिन शनि और पितृदोष से छुटकारा के लिए क्या करना चाहिए...
अमावस्या के दिन धन-धान्य और सुख-संम्पदा के लिए घर में एक छोटा सा आहुति करना चाहिए। इसके लिए काले तिल, जौं, चावल, गाय का घी, चंदन पाउडर, गूगल, गुड़, देसी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा का होना बहुत जरूरी है।
इसके बाद गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना ले, फिर उसके इन वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य द्वारा इन देवताओं की एक-एक देना चाहिए।
आहुति मंत्र
ऊँ कुल देवताभ्यो नमः
ऊँ ग्राम देवताभ्यो नमः
ऊँ ग्रह देवताभ्यो नमः
ऊँ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
इन सब के अलावा शनि और पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए आज के दिन उड़द या उड़द की छिलकेवाली दाल, काला कपड़ा, तला हुआ पदार्थ और दूध गरीबों में दान करना चाहिए।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/37iN6Vj
EmoticonEmoticon