रथ सप्तमी कब है जानिए कथा और सूर्य पूजन के शुभ मुहूर्त, महत्व और 10 आसान उपाय

Ratha Saptami 2022 In Hindi: शुक्ल पक्ष के दौरान माघ महीने में 7 वें दिन, अर्थात सप्तमी तिथि, रथ सप्तमी का उत्सव मनाया जाता है। इस त्योहार के अन्य लोकप्रिय नाम माघ सप्तमी, माघ जयंती और सूर्य जयंती (Surya jayanti) हैं। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी, विधान सप्तमी और आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। रथ सप्तमी त्योहार भगवान सूर्य की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे। इसीलिए इस सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह त्योहार 7 फरवरी 2022 को मनाया जाएगा।
 

 

सूर्य पूजन के शुभ मुर्हूत (Surya puja muhurta ): 

 

- सप्तमी तिथि प्रारंभ होगी 7 फरवरी, सोमवार को दोपहर 4:37 से और समाप्त होगी 8 फरवरी, मंगलवार, सुबह 6:15 को। 

 

- रथ सप्तमी पर स्नान मुहूर्त: 7 फरवरी, सुबह 5:24 से सुबह 7:09 तक अर्घ्यदान के लिए सूर्योदय का समय: सुबह 7:05 मिनट।

 

कैसे करें सूर्य पूजा : रथ सप्तमी का महत्व सूर्य देव के प्रकट होने से हैं। इस दिन ही सूर्य देव का जन्म हुआ था, इसलिए इसका महत्व है। इस दिन प्रात: स्नान आदि से निवृत्त होकर जल में थोड़ा-सा गंगाजल फूल आदि मिलाकर सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को अर्घ्यदान देना चाहिए। इसके बाद घी के दीपक और लाल फूल, कपूर और धूप के साथ सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और सूर्यदेव के सामने व्रत का संकल्प लेकर कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करनी चाहिए।

महत्व : सूर्य पूजा आरोग्य और यश प्रदान करने वाली होती है। इससे पिता से मधुर संबंध निर्मित होते हैं और संतान सुख मिलता है। शिक्षा, नौकरी और करियर में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आती है। सभी तरह के शारीरिक और मानसिक रोग एवं कष्‍टों का निवारण होता है।

 

10 आसान उपाय :

 

1. रथ सप्तमी के दिन बारहमुखी रुद्राक्ष धारण करने से बिगड़े या अटके हुए काम फिर से बन जाते हैं।

 

2. इस दिन भगवान सूर्यदेव की कनेर के फूलों से पूजा करनी चाहिए। इससे आपकी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं।

 

3. सूर्य को अर्घ्य देते समय लाल कनेर के फूल फूल अर्पित करने से भाग्यदोय में वृद्धि होती है और नौकरी व कारोबार में उन्नति होती है। पुराने कर्ज से मुक्ति मिलती है। 

 

4. नौकरी और व्यापार में प्रगति के लिए इस दिन लाल रंग की गाय को गुड़ खिलाएं। 

 

5. इस दिन नमक न खाने से और व्रत करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। नमक का दान करने से जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति होती है और आमदनी में बढ़ोतरी के योग बनते हैं।

 

6. इस दिन सूर्य मंत्र बोलते हुए सूर्यदेव को मीठा यानी शक्कर मिश्रित जल अर्पित करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।

 

7. यदि कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में हो तो इस दिन पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए।

 

8. इस दिन रथ बनाकर दान देने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

 

9. रथ सप्तमी पर लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर किसी जरूरतमंद को दान देने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है।

 

10. अगर आप अपने करियर को ऊंचाईयों पर ले जाना चाहते हैं, तो अपने शिक्षक या गुरु को अचला गिफ्ट करना चाहिए। अचला, यानी गले में डालने वाला कपड़ा।

 

डिस्क्लेमर : यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।



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