1. कांटेदार पौधे- घर में कभी भी कांटेदार पौधे न लगाएं, जैसे कैक्टस, गुलाब, कंटकारी, बैर, पाकड़, गूलर, बबूल आदि। कांटेदार पेड़ घर में दुश्मनी पैदा करते हैं। इनमें जति और गुलाब अपवाद हैं। बोन्साई पौधे, सूखे, टूटे या मुरझाए, नकली पौधे भी नहीं होना चाहिए।
2. दूध और गोंद वाले पौधे- ऐसे पौधे लगाने से भी बचें जिनमें से दूध जैसा सफेद पदार्थ निकलता हो, जैसे आंकड़े का पौधा आदि। जिन पेड़ों से गोंद निकलता हो अर्थात चीड़ आदि घर के परिसर में नहीं लगाने चाहिए। यह धनहानि की आशंका को बढ़ाता है। आवासीय परिसर में दूध वाले वृक्ष लगाने से धनहानि होती है।
3. इमली- इमली का पेड़ घर के आसपास नहीं होना चाहिए। यह कई तरह के रोग उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा पाकड़, गूलर, आम, बहेड़ा भी घर के समीप निंदित कहे गए हैं। जामुन और अमरूद को छोड़कर फलदार वृक्ष भवन की सीमा में नहीं होने चाहिए। इससे बच्चों का स्वास्थ्य खराब होता है।
4. फलदार पौधे- कुछ ऐसे फलदार पौधे हैं जिन्हें घर में लगाने से मना किया गया है। हालांकि ऐसे पौधे कम ही होते हैं। पेड़ या वृक्ष जरूर होते हैं। इससे संतान को कष्ट होना है।
5. कदम्ब का पेड़ : कदम्ब, केला और नींबू जिसके घर में उत्पन्न होता है, उस घर का मालिक कभी विकास नहीं करता। अत: इसकी दिशा का ज्ञान होना जरूरी है।
- पूर्व में लगे फलदार वृक्ष से संतति की हानि, पश्चिम में लगे कांटेदार वृक्ष से शत्रु का भय, दक्षिण में दूधवाले वृक्ष लगे होने से धन नाश होता है। ये वृक्ष पीड़ा, कलह, नेत्ररोग तथा शोक प्रदान करते हैं। हालांकि ये वृक्ष घर की किसी भी दिशा में नहीं हों, तो ही अच्छा है।
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