Ravi Pradosh vrat 2023 : वर्ष 2023 में अधिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत दिन रविवार, 13 अगस्त को मनाया जाएगा। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अधिक मास भगवान श्री विष्णु का महीना है, जिसे पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता हैं, जो 3 साल में एक बार पड़ता है। अत: अधिक सावन महीने का यह प्रदोष व्रत बहुत पुण्यफलदायी माना जा रहा है।
धार्मिक मान्यतानुसार इस दिन खास करके भगवान भोलेनाथ का पूजन किया जाता है, क्योंकि प्रदोष शिव जी तिथि है, लेकिन इसके साथ ही अधिक मास होने के कारण श्रीहरि विष्णु और सूर्यदेव का पूजन करना भी अधिक लाभकारी रहेगा, क्योंकि इस बार प्रदोष व्रत रविवार के दिन होने से भगवान सूर्यदेव की भी विशेष कृपा प्राप्त होगी। इसी दिन श्रावण (अधिक) कृष्ण पक्ष, द्वादशी तिथि होने के कारण परमा एकादशी व्रत का पारण भी किया जाएगा।
आइए यहां जानते हैं रवि प्रदोष व्रत पर पूजन के शुभ मुहूर्त और विधि-
प्रदोष व्रत विधि : Pradosh Puja Vidhi
- श्रावण अधिक/ पुरुषोत्तम मास प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- स्नान के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन यदि संभव है तो व्रत-उपवास करें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। अत: शिव-पार्वती जी के साथ-साथ श्री गणेश की पूजा करें।
- भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
- तत्पश्चात उन्हें आक के फूल, बेलपत्र, धूप, दीप अक्षत, रोली, मिठाई और अन्य पुष्प आदि सभी चीजें अर्पित करें।
- मां पार्वती को चुनरी और सुहाग सामग्री चढ़ाएं।
- भगवान शिव की आरती करें।
- भगवान शिव को सात्विक चीजों का भोग लगाएं।
- इस दिन भगवान शिव जी का अधिक से अधिक ध्यान तथा उनके मंत्रों का जाप करें।
- प्रदोष काल में पुन: स्नान करके भगवान शिव का मां पार्वती जी के साथ पूजन करें।
- प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें।
- इसके बाद फलाहार ग्रहण करें।
रविवार, 13 अगस्त 2023 : रवि प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त-pradosh vrat 2023 date and muhurat
अधिक श्रावण कृष्ण त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 13 अगस्त 2023, रविवार को 08.19 ए एम से,
त्रयोदशी तिथि की समाप्ति- 14 अगस्त 2023, सोमवार को 10.25 ए एम पर होगी।
दिन का प्रदोष समय- 07.03 पी एम से 09.12 पी एम
प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त- 07.03 पी एम से 09.12 पी एम
कुल अवधि- 02 घंटे 09 मिनट्स
योग वज्र- 03.56 पी एम तक
ब्रह्म मुहूर्त- 04.23 ए एम से 05.06 ए एम
प्रातः सन्ध्या 04.44 ए एम से 05.49 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11.59 ए एम से 12.52 पी एम
विजय मुहूर्त- 02.38 पी एम से 03.31 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07.03 पी एम से 07.24 पी एम
सायाह्न सन्ध्या 07.03 पी एम से 08.07 पी एम
निशिता मुहूर्त- 14 अगस्त 12.05 ए एम से 12.48 ए एम तक।
दिन का चौघड़िया :
चर- 07.28 ए एम से 09.07 ए एम
लाभ- 09.07 ए एम से 10.47 ए एम
अमृत- 10.47 ए एम से 12.26 पी एम
शुभ- 02.05 पी एम से 03.44 पी एम
रात का चौघड़िया :
शुभ- 07.03 पी एम से 08.24 पी एम
अमृत- 08.24 पी एम से 09.44 पी एम
चर- 09.44 पी एम से 11.05 पी एम
लाभ- 01.47 ए एम से 14 अगस्त को 03.08 ए एम तक।
शुभ- 04.29 ए एम से 14 अगस्त को 05.49 ए एम तक।
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