प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का शपथ ग्रहण 9 जून 2024 को शाम 7:23 पर हुआ था। शाम 7:23 पर वृश्चिक लग्न में नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण करके अपना तीसरा कार्यकाल प्रारंभ किया। शपथ ग्रहण के मुहूर्त का अध्ययन किया जाए तो पता लगता है की शपथ ग्रहण स्थिर लग्न अर्थात वृश्चिक लग्न में हुआ है। लग्न के स्वामी मंगल स्वराशि मेष में विराजमान होकर बलवान है तथा लग्न स्थान पर सूर्य, शुक्र, बुध तथा गुरु सप्तम भाव में बैठकर दृष्टि डाल रहे हैं। शनि चतुर्थ भाव से दशम दृष्टि से लग्न स्थान को देख रहे हैं तथा राहु नवम दृष्टि से एवं मंगल अष्टम दृष्टि से लग्न स्थान को देख रहे हैं। लग्न भाव पर 7 ग्रहो का प्रभाव दर्शाता है कि श्रेष्ठ मुहूर्त में शपथ ग्रहण हुआ है जो कि उनकी सरकार को स्थायित्व प्रदान करता है।
शपथ ग्रहण कुंडली को नवनिर्वाचित सरकार की कुंडली के रूप में देखा जाता है जिससे सरकार के शुभ-अशुभ का अध्ययन किया जाता है। शपथ ग्रहण कुंडली के विश्लेषण से पता लगता है कि इस कुंडली में चंद्रमा भाग्य स्थान का स्वामी होकर स्वराशि के बैठे हैं तथा लग्नेश मंगल पूर्ण दृष्टि से चंद्रमा को देख रहे हैं, ज्योतिष मतानुसार यह प्रबल दर्जे का राजयोग माना जाता है, जो कि सरकार को स्थायित्व प्रदान करता है तथा इस योग के अध्ययन से पता लगता है कि सरकार अपना कार्यकाल पूर्ण करेंगी।ALSO READ: ओडिशा के संस्कृत विद्वान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लिखा महाकाव्य
वृश्चिक लग्न की कुंडली के चतुर्थ भाव में शनि कुंभ राशि पर विराजमान है जो कि शश नामक पंच महापुरुष योग बना रहे हैं। शनि पूर्ण दृष्टि से दशम भाव को देख रहे हैं। इसके प्रभाव से प्रधानमंत्री को जनता का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। शपथ ग्रहण कुंडली में लग्नेश मंगल छठे भाव में विराजमान है तथा शनि तृतीय दृष्टि से मंगल को देख रहे हैं, जो कि विपक्ष के बली होने का संकेत है।
इसके अनुसार मोदी जी को विपक्ष से कठिन चुनौती तथा प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा एवं घटक दलों में आपसी सामंजस्य रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी। सप्तम भाव में गुरु, सूर्य, शुक्र तथा बुध की चतुर्ग्रही युति भी राजयोग कारक है तथा सरकार को जनता के पूर्ण समर्थन की ओर इंगित करती है। 29 मार्च 2025 को शनि का राशि परिवर्तन होगा तथा शनि कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे तथा 2.5 साल तक मीन राशि पर विराजमान रहेंगे, यह समय सरकार के लिए नई-नई चुनौतियां लेकर आएगा जिसमें सरकार को अपनी सूझ-बूझ का परिचय देना होगा। शपथ ग्रहण कुंडली के संपूर्ण विश्लेषण से पता लगता है कि सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा कर सकती है।ALSO READ: नरेन्द्र मोदी अपने वादे पूरे करेगा और सही समय पर सही चीजें होंगी
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