इन देवी - देवताओं के बीज मंत्रों के उच्चारण से होते हैं अद्भुत चमत्कार


ईश्वर की कृपा से इस संसार में हर जीव की उत्पत्ति बीज के द्वारा ही होती है चाहे वह पेड़-पौधे हो या फिर मनुष्य योनी । बीज ही जीवन की उत्पत्ति का कारक है, जिनकी कृपा से जीवों की उत्पत्ति होती उन ईश्वर के बीज मंत्र भी कुछ इस तरह ही कार्य करते है, हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं के सम्पूर्ण मन्त्रों के प्रतिनिधित्व करने वाले शब्द को बीज मंत्र की उपमा दी गई हैं । सभी वैदिक मंत्रो का सार भी बीज मंत्रों को ही माना गया हैं, हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा बीज मंत्र ।। ॐ ।। को माना गया हैं । बीज मंत्रों को सभी मन्त्रों के प्राण के रूप में जाना जाता हैं जिनके प्रयोग से मन्त्रों में प्रबलता और अधिक हो जाती है ।

 

बीज मंत्र के प्रकार
ॐ, क्रीं, श्रीं, ह्रौं, ह्रीं, ऐं, गं, फ्रौं, दं, भ्रं, धूं, हलीं, त्रीं, क्ष्रौं, धं, हं, रां, यं, क्षं, तं , ये दिखने में छोटे से बीज मंत्र अपने अन्दर सैकड़ों शब्दों को समाये हुए हैं । उपरोत्क सभी बीज मंत्र अत्यंत कल्याणकारी है जो अलग-अलग देवी-देवताओं का प्रतिनिधत्व करते हैं ।

 

बीज मंत्र जप के लाभ
बीज मंत्रों के जप से देवी-देवता अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं, अगर बीज मंत्रों का उच्चारण शुद्धता के साथ किया जाये तो जहां उच्चारण होता हैं वहां आस-पास सकारात्मक उर्जा का संचार होने लगता हैं, घोर से घोर संकट भी बीज मंत्रों के उच्चारण से दूर हो जाते है, असाध्य रोग, आर्थिक संकट जैसा अनेक समस्याओं का निराकण बीज मंत्रों के जप से हो जाता हैं ।

 

भगवान श्री गणेश का बीज मंत्र
सभी देवों में प्रथम पूजनीय श्री गणेश का बीज मंत्र ।। गं ।। है । इस बीज मंत्र के नियमित जप से बुद्धि का विकास होता है और घर में धन संपदा की वृद्धि होती है ।

 

भगवान शिव का बीज मंत्र
शिव जी का बीज मंत्र है ।। ह्रौं ।। भगवान शिव के इस बीज मंत्र के जप से शंकर जी अतिशीघ्र प्रसन्न होते है, इस बीज मंत्र के प्रभाव से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है व रोग आदि से छुटकारा मिलता है ।

 

भगवान श्री विष्णु का बीज मंत्र
श्री विष्णु का बीज मंत्र ।। दं ।। है । जीवन में हर प्रकार के सुख और एश्वर्य की प्राप्ति हेतु इस बीज मंत्र द्वारा भगवान श्री विष्णु की आराधना की जाती हैं ।

 

भगवान श्री राम का बीज मंत्र
भगवान श्री राम का बीज मंत्र ।। रीं ।। है, जिसे भगवान श्री राम के मंत्र के शुरू में प्रयोग करने से मंत्र की प्रबलता और भी अधिक हो जाती है । भगवान श्री राम के बीज मंत्र को इस प्रकार से प्रयोग कर सकते है- रीं रामाय नमः

 

हनुमान जी का बीज मंत्र
श्री हनुमान जी कलियुग में शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता कहे जाते हैं, ऐसे में बीज मंत्र द्वारा उनकी आराधना व्यक्ति के सभी दुखों को हरने में सक्षम है, हनुमान जी का बीज मंत्र है ।। हं ।। ।

 

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भगवान श्री कृष्ण का बीज मंत्र
योगेश्वर श्री कृष्ण का बीज मंत्र ।। क्लीं ।। है जिसका उच्चारण अकेले भी किया जा सकता है व भगवान श्री कृष्ण के वैदिक मंत्र के साथ भी, इस बीज मंत्र का प्रयोग इस प्रकार से करें- ।। क्लीं कृष्णाय नमः ।। ।

 

माँ दुर्गा का बीज मंत्र
शक्ति स्वरुप माँ दुर्गा का बीज मंत्र ।। दूं ।। जिसका अर्थ है, हे माता मेरे सभी दुखों को दूर कर मेरी रक्षा करो ।


माँ काली का बीज मंत्र
जीवन से सभी भय, ऊपरी बाधाओं, शत्रुओं से छूटकारा दिलाने में माँ काली का बीज मंत्र विशेष रूप से लाभ होता है, माँ काली का बीज मंत्र है- ।। क्रीं ।। ।

 

माता महालक्ष्मी का बीज मंत्र
घर में धन-सम्पति की वृद्धि हेतु माँ लक्ष्मी के इस बीज मंत्र द्वारा आराधना से लाभ होता है । माता महालक्ष्मी का बीज मंत्र है- ।। श्रीं ।। ।

 

देवी सरस्वती का बीज मंत्र
माँ सरस्वती विद्या को देने वाली देवी है जिनका बीज मंत्र ।। ऐं ।। है, परीक्षा में सफलता के लिए व हर प्रकार के बौद्धिक कार्यों में सफलता हेतु माँ सरस्वती के इस बीज मंत्र का जप प्रभावशाली लाभ देता हैं ।

 

ब्रह्म देव का बीज मंत्र
कुछ बीज मंत्र ऐसे भी है जो ***** है उस परमपिता परमेश्वर के जो समस्त ब्रम्हांड के रचियता, पालनकर्ता और रक्षक हैं, ब्रह्म देव का बीज मंत्र इस प्रकार है- ।। ॐ खं कं ।। ये तीनों बीज मंत्र ब्रह्म देव के वाचक हैं ।

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